Wednesday, 14 August 2013

--ज़श्न -ए-आज़ादी -----

-------------ज़श्न -ए-आज़ादी -------------
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ज़श्न-ए-आज़ादी मनाने 
आज चल ज़ीनत वहाँ 
जिस जगह मेला लगा हो 
हो जहां बच्चों की भीड़ 
सज सँवरकर चल वहाँ पर 
ऐंठ कर इठला के चल 
आज झुकना मत ज़रा भी 
आज हम आज़ाद हैं 
देखे जब अगली पीढ़ी 
तुझको तो ज़ीनत फ़क्र हो 
दुश्मनों का दिल जले 
और दोस्त सारे मस्त हों 
ले तिरंगा हाथ में 
चल चौक चौराहे पे तुम 
पूरी ताकत से कहो 
मस्तक को ऊँचा रख के बोल 
दिल में खुशियों का समन्दर 
और दमकता हो लिबास  
आज दुल्हन की तरह 
घर को सजाना दोस्तों 
हम गुलामी के दिनों में 
यार रोये हैं बहुत 
हम गुलामी के दिनों में 
यार तड़पे  हैं बहुत 
आज अपने मुल्क के 
कण-कण में हम आबाद हैं 
मुल्क जिंदाबाद है 
और हम भी जिंदाबाद हैं 
जय हिन्द- जय हिन्द-जय हिन्द !!!
----------------कमला सिंह ज़ीनत 

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