हर लम्हा तडपती हूँ नयी आस लिए
दिल के हसरत की नयी प्यास लिए
जाने कब बरसेगा स्वाति का वो बूंद
जिंदगी जीती हूँ बस यही ख्वाब लिए
--------------------------कमला सिंह जीनत
har lamha tadpti hun nayi aas liye
dil ke hasrat ki nayi pyas liye
jane kab barsegaa swati ka vo bund
zindgi jiti hun yahi khwab liye
---------------------------------kamla singh zeenat
03/08/13
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