गिरह बंद कता
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मैं अकेली हूँ सवा लाख ये लश्कर ही सही
तकदीर के हिसाब से ये नस्तर ही सही
रजा उसकी हो तो बेख़ौफ़ बजा लायेंगे
मेरी राहों में नहीं फूल तो 'जीनत' पत्थर ही सही
------------------------कमला सिंह 'जीनत'
main akeli hun sawa laakh ye lashkar hi sahi
meri taqdeer ke hisse main ye nashtar hi sahi
hai raza uski to bekhauf baja laayenge
meri raahon men nahin phool to patthar hi sahi..
-------------------------------कमला सिंह 'जीनत'
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