Friday, 26 July 2013

नज़्म

तू कहाँ है जिंदगी 
तुझको ढुंढती हूँ मैं 
तुझको मांगती हूँ मैं 
तुझको चाहती हूँ मैं 
तुझसे रूठती हूँ मैं 
तुझसे बोलती हूँ मैं 
तुझसे भागती हूँ मैं 
तुझको मांगती हूँ मैं 
तुझको जानती हूँ 
तू नहीं तो मैं क्या हूँ मैं 
मैं नहीं तो तू क्या है 
तेरे होने से सब है 
मेरे होने से तू है 
तेरा नाज मुझसे है 
मेरा  नाज़ है तुझसे 
मैं तेरी मुहब्बत हूँ 
मैं तेरी शरारत हूँ 
मैं  तेरी इबादत हूँ 
मुझसे तेरा चेहरा है 
तू नहीं तो गुलशन क्या 
मैं नहीं तो मालन क्या 
जिंदगी मेरी जानम 
तुझसे प्यार है मुझको 
तू ही प्यार है मेरी 
तू ही यार है मेरी  
तू  कहा है बोलो न 
तू कहाँ है जिंदगी  
तुझको ढूढती हूँ मैं 
---कमला सिंह 'जीनत'

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