तू कहाँ है जिंदगी
तुझको ढुंढती हूँ मैं
तुझको मांगती हूँ मैं
तुझको चाहती हूँ मैं
तुझसे रूठती हूँ मैं
तुझसे बोलती हूँ मैं
तुझसे भागती हूँ मैं
तुझको मांगती हूँ मैं
तुझको जानती हूँ
तू नहीं तो मैं क्या हूँ मैं
मैं नहीं तो तू क्या है
तेरे होने से सब है
मेरे होने से तू है
तेरा नाज मुझसे है
मेरा नाज़ है तुझसे
मैं तेरी मुहब्बत हूँ
मैं तेरी शरारत हूँ
मैं तेरी इबादत हूँ
मुझसे तेरा चेहरा है
तू नहीं तो गुलशन क्या
मैं नहीं तो मालन क्या
जिंदगी मेरी जानम
तुझसे प्यार है मुझको
तू ही प्यार है मेरी
तू ही यार है मेरी
तू कहा है बोलो न
तू कहाँ है जिंदगी
तुझको ढूढती हूँ मैं
---कमला सिंह 'जीनत'
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