मौन संवाद
_____________
_____________
उम्मीद का घोडा़
जब घायल होता है
सवार के मन में
खोट उतर आता है
घोडा़ लाख घायल हो
दौड़ जारी रखना ही चाहिये उसे
ज़ख़्मी घोडे़ का सवार
बेमरव्वत बन सकता है
बेदिल निकल सकता है
घोडे़ और सवार के बीच
पुचकार का संवाद
स्वस्थ रहने तक
--कमला सिंह 'ज़ीनत'
जब घायल होता है
सवार के मन में
खोट उतर आता है
घोडा़ लाख घायल हो
दौड़ जारी रखना ही चाहिये उसे
ज़ख़्मी घोडे़ का सवार
बेमरव्वत बन सकता है
बेदिल निकल सकता है
घोडे़ और सवार के बीच
पुचकार का संवाद
स्वस्थ रहने तक
--कमला सिंह 'ज़ीनत'
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 08 मई 2017 को लिंक की गई है............................... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा.... धन्यवाद!
ReplyDeleteहृदय को स्पर्श करती पंक्तियाँ।
ReplyDeleteshukriya Druv ji
Deleteसुन्दर।
ReplyDeleteShukriya
Deleteयथार्थ को इतनी ख़ूबसूरती के साथ भावों का अधिकतम घनत्व समेटे न्यूनतम शब्दों में सजी रचना बार-बार हमारे अंतःकरण को कचोटती है। बधाई ज़ीनत जी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर ।
ReplyDeleteShukriya
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteShukriya
Delete